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Ayurved and ayu definition, Ayurved history according to Charak Samhita, आयुर्वेद की परिभाषा, हिंदी में आयुर्वेद का इतिहास आचार्य चरक के अनुसार

By August 8, 2023No Comments

Ayurved and Ayu ki definition Ayurved history

Ayurved definition (आयुर्वेद की परिभाषा) –

आयुर्वेद में हित आयु , अहित आयु, सुख आयु, दुख आयु के लिए हित और अहित, आयु का मान, आयु का स्वरूप इन सब का वर्णन आयुर्वेद में किया गया है इसे आयुर्वेद शास्त्र कहते हैं ।

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आयु की परिभाषा –

आयु शरीर इन्द्रिय आदि के सयोंग को आयु कहती हैं ।

आयुर्वेद का इतिहास –

आयुर्वेद का सर्वप्रथम वर्णन ब्रह्मा जी ने किया ब्रह्मा जी ने अपने स्मृति से आयुर्वेद को ग्रहण किया । ब्रह्मा जी से इस आयुर्वेद का ज्ञान दक्ष प्रजापति ने ग्रहण किया । दक्ष प्रजापति के बाद अश्विनी कुमारों ने आयुर्वेद का ज्ञान प्राप्त किया । अश्विनी कुमारों ने इस आयुर्वेद के ज्ञान से अनेक प्रकार के रोगों को ठीक किया , और कई तरह की चिकित्सा के लिए उपयोग किया । अश्विनी कुमारों के बाद आयुर्वेद को इंद्र ने प्राप्त किया । इंद्र के बाद अलग-अलग संहिता के अनुसार आयुर्वेद को अलग-अलग ऋषि ने आचार्य ने ग्रहण किया । आचार्य चरक अनुसार आयुर्वेद का अध्ययन पृथ्वी लोक पर भारद्वाज ऋषि ने इंद्र के पास जाकर इसका ग्रहण आयुर्वेद का ग्रहण किया भारद्वाज ऋषि के द्वारा आयुर्वेद का प्रचार प्रसार पृथ्वी लोक पर हुआ भारद्वाज ने आयुर्वेद को त्रिसूत्र के रूप में परिवर्तित किया । त्रिसूत्र हेतु लिंग औषध इसे त्रिसूत्र कहते हैं । भारद्वाज ऋषि ने आत्रेय पुनर्वसु को आयुर्वेद का उपदेश दिया । आत्रेय पुनर्वसु ने प्राणी मात्र पर दया रखते हुए आयुर्वेद 6 शिष्यों को दिया । अग्निवेश , भेल , जतुकर्ण , पराशर , हारित , क्षारपणी । अग्निवेश बुद्धिमान और ज्ञानी था सर्वप्रथम अग्निवेश ने ही ग्रंथ का निर्माण किया क्योंकि वह सभी शिष्यों से अधिक बुद्धिमान था । बाद में अन्य शिष्यों ने भी अपने नाम से संहिता की रचना की और अन्य ऋषियों साथ गुरु आत्रेय को सुनाया ।

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